उसने बढ़ाए हाथ, मैंने सिक्का थमा दिया। क्या यही है इंसानियत, तो मैंने निभा लिया। उसने बढ़ाए हाथ, मैंने सिक्का थमा दिया। क्या यही है इंसानियत, तो मैंने न...
दिखाया था देश प्रेम उन्होंने भी मानकर आज को प्रेम का दिन दिखाया था देश प्रेम उन्होंने भी मानकर आज को प्रेम का दिन
आदमी ने आदमी को डस लिया आदमी ने आदमी को डस लिया
मिले ऐसा हंसी वो हम सफ़र आज़म मुहब्बत का मगर वादा करे कोई। मिले ऐसा हंसी वो हम सफ़र आज़म मुहब्बत का मगर वादा करे कोई।
न तो लेनी चुनर मुझको और न ही सिर पे साड़ी पहनुंगी अपनी मर्जी से चाहे कर लो थानेदारी न तो लेनी चुनर मुझको और न ही सिर पे साड़ी पहनुंगी अपनी मर्जी से चाहे क...
तेरे पीछे पीछे मैं कहाँ तक आ गया, तू घर से निकली सजनी। तेरे पीछे पीछे मैं कहाँ तक आ गया, तू घर से निकली सजनी।